TOP HINDI POETRY SECRETS

Top hindi poetry Secrets

Top hindi poetry Secrets

Blog Article

रहें मुबारक read more पीनेवाले, खुली रहे यह मधुशाला।।२०।

समझ न लेना इससे मुझको साधारण पीने वाला,

अधरों पर हो कोई भी रस जिहवा पर लगती हाला,

झड़ी लगाकर बरसे मदिरा रिमझिम, रिमझिम, रिमझिम कर,

'होंठ नहीं, सब देह दहे, पर पीने को दो बूंद मिले'

इक ख़ुशी का राज़ पिन्हाँ जादा-ए-मंज़िल में है

चिर विधवा है मस्जिद तेरी, सदा सुहागिन मधुशाला।।४८।

हो तो लेने दो ऐ साकी दूर प्रथम संकोचों को,

हम अभी से क्यूँ बताएँ क्या हमारे दिल में है 

हाथों में आने से पहले नाज़ दिखाएगा प्याला,

कही ये तो नहीं की अँधियारा ही मेरी किस्मत थी

मार भगाया दुश्मन को फिर जग में अपना नाम किया।।

बैठा अपने भवन मुअज्ज़िन देकर मस्जिद में ताला,

ले तिरी हिम्मत का चर्चा ग़ैर की महफ़िल में है 

Report this page